जन्मो का नाता सा लगता है,
दूर जाओं तो कुछ अधूरा सा लगता है,
प्यार है या लगाव तुमसे हम इस से अनजान है,
तेरी बातों के खोये साये में सब बेगाना सा लगता है,
चाहत है या सिर्फ़ आकर्षण खुद को समझाना भी मुश्किल होता है,
हर घड़ी मे सिर्फ़ तेरा ही ख्वाब होता है,
वक़्त का तो रहम है हम पर जो अब तक दिखाई देते हो,
वरना हमसे तो हमारा नसीब भी बेईमान सा होता है,