करीब होने के लिए तेरा पास आना जरूरी न था
एहसास ऐ मोहोब्बत के लिए गले लगाना जरूरी न था
एहसास ऐ मोहोब्बत के लिए गले लगाना जरूरी न था
बेरुखी काफी थी समझने के लिए की इश्क़ नहीं
यूँ बे वजह हमसे नज़रें चुराना जरूरी न था
यूँ बे वजह हमसे नज़रें चुराना जरूरी न था
यकीं करलेता में यूँ ही तेरी मजबूरियों पे सनम
जलाकर दिल को मलहम लगाना जरूरी न था
जलाकर दिल को मलहम लगाना जरूरी न था
बक्श देते मेरी आँखों के मीठे सपनो को तुम
बे रेहमी से खारे आंसू रुलाना जरूरी न था
बे रेहमी से खारे आंसू रुलाना जरूरी न था
Written By :- J N Mayyaat